Wheat Export: गेहूं निर्यात से हटेगा प्रतिबंध? उपभोक्ता मामलों के सचिव ने दिया ये जवाब
Wheat Export: दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
देश ने पिछले तीन साल में सालाना 20-70 लाख टन की सीमा में गेहूं का निर्यात किया. (Image- Freepik)
देश ने पिछले तीन साल में सालाना 20-70 लाख टन की सीमा में गेहूं का निर्यात किया. (Image- Freepik)
Wheat Export: केंद्र ने गेहूं के निर्यात (Wheat Export) पर प्रतिबंध हटाने की संभावना से इनकार किया, लेकिन कहा कि राजनयिक माध्यमों से खाद्यान्न की खेपों पर मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत मई, 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, कोई संभावना नहीं है.
सरकार के स्तर पर परस्पर व्यापार व्यवस्था के माध्यम से भारत द्वारा नेपाल और भूटान जैसे कुछ देशों को कुछ मात्रा में गेहूं की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा, विदेश मंत्रालय की ओर से अनुरोध होने पर हम इसपर विचार करेंगे.
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सरप्सल सप्लाई की वजह से निर्यात किया
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निर्यात प्रतिबंध जारी रखने का कारण बताते हुए खाद्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार ने कहा कि भारत एक पारंपरिक गेहूं निर्यातक देश नहीं है. हालांकि, देश ने सरप्लस सप्लाई रहने के कारण पिछले 3 वर्षों में गेहूं का निर्यात किया. देश ने पिछले तीन साल में सालाना 20-70 लाख टन की सीमा में गेहूं का निर्यात किया. उन्होंने कहा कि पिछले साल गेहूं का निर्यात 50 लाख टन रहा था.
उन्होंने कहा, जलवायु कारणों से पिछले वर्ष के दौरान गेहूं का उत्पादन कम रहा. हालांकि, इस वर्ष उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक है और उपलब्धता पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ टन अधिक होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यह स्थानीय खपत और घरेलू बाजार में उचित मूल्य पर गेहूं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है.
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2.62 करोड़ टन गेहूं की खरीद
अतिरिक्त सचिव ने आगे कहा कि विपणन वर्ष 2023-23 (अप्रैल-मार्च) में अबतक गेहूं की खरीद 2.62 करोड़ टन तक पहुंच गई है. पीडीएस आवश्यकता को पूरा करने के बाद एफसीआई के पास अतिरिक्त 85-90 लाख टन गेहूं होगा।
उच्च उत्पादन के बावजूद गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी पर अतिरिक्त सचिव ने कहा कि कटाई व खरीद सत्र के खत्म होने के बाद जिंसों की कीमतों में मामूली वृद्धि सामान्य बात है. उन्होंने कहा, कीमतें थोड़ी बढ़ी हैं. कटाई के समय कीमतें कम रहती हैं और उसके बाद कुछ बढ़ोतरी होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि किसानों से आपूर्ति खत्म हो जाती है और उसके बाद यह व्यापारियों से आ रही है. सरकार ने फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया है.
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10:44 PM IST